" आपकी आध्यात्मिक यात्रा का साथी "
हमारा उद्देश्य उन लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक सहयोग प्रदान करना है, जो किसी कारणवश स्वयं अपने संकल्पों को पूरा नहीं कर सकते। हम सनातन धर्म की परंपराओं और धार्मिक संस्कारों को संरक्षित और प्रचारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
संकल्प – एक परिचय
"सम" का अर्थ है समान और "कल्प" का अर्थ है विचार। जब दो या अधिक व्यक्ति किसी धार्मिक या आध्यात्मिक कार्य के लिए समान विचार रखते हैं, तो उसे "संकल्प" कहा जाता है।
हिंदू धर्म में संकल्प की परंपरा अत्यंत प्राचीन और महत्वपूर्ण है। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश स्वयं पूजा, यज्ञ, पाठ या तीर्थ यात्रा जैसे कार्यों को करने में असमर्थ हो, तो वह संकल्प के माध्यम से किसी ब्राह्मण, परिवारजन या अन्य योग्य व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है। यह प्रतिनिधि उस धार्मिक कार्य को संकल्पकर्ता की ओर से पूर्ण करता है, और फल उसी को प्राप्त होता है।
प्रायोगिक उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति रामायण पाठ करवाना चाहता है, परंतु स्वयं लंबे समय तक बैठने या अनुष्ठान में शामिल होने में असमर्थ है, तो वह संकल्प लेकर किसी ब्राह्मण को यह कार्य सौंप सकता है। इस प्रकार वह व्यक्ति, स्वयं उपस्थित न होते हुए भी, उस पूजन का पुण्य प्राप्त करता है।
‘ओम संकल्प’ सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति और आस्था को जीवंत रखने का एक संकल्प है। हम आपके आध्यात्मिक संकल्पों को साकार करने के लिए सदैव तत्पर हैं।
कई लोग व्यक्तिगत, स्वास्थ्य या अन्य मजबूरियों के कारण स्वयं पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान नहीं कर पाते। 'ओम संकल्प' आपकी ओर से योग्य ब्राह्मणों द्वारा विधि-विधान से पूजा, अनुष्ठान और धार्मिक कार्य करवाता है, ताकि आपका संकल्प पूर्ण हो और आपको आध्यात्मिक संतोष प्राप्त हो।
हमारी यह सेवा उन लोगों के लिए समर्पित है, जो जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेले होते हैं। हम सम्मानपूर्वक और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार की संपूर्ण व्यवस्था करते हैं। यह सेवा उन लोगों के लिए भी है, जो पहले से ही अपने अंतिम संस्कार को धार्मिक विधि-विधान से करवाने का संकल्प लेना चाहते हैं।
जो लोग शारीरिक रूप से अक्षम हैं, लेकिन खाटू श्याम जी या अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा का संकल्प लेना चाहते हैं, उनके लिए हमने 'पदयात्रा प्रतिदिन' सेवा शुरू की है। इस सेवा के तहत, ब्राह्मणों द्वारा आपकी ओर से प्रतिदिन पदयात्रा करवाई जाती है, जिससे आपका संकल्प पूर्ण होता है और आपकी श्रद्धा को साकार रूप मिलता है।